अखंड भारत का सपना और विभाजन का घाव
यह देश आज इतना बड़ा है क्योंकि कई राजाओं ने, रियासतों ने अपनी 100-100 पीढ़ियों से चली आ रही सत्ता को भारत को अखंड बनाने के लिए पद और राजतंत्र का त्याग किया था। कई नौजवानों ने अपनी जवानी भारत माता को अखंड, सौभाग्यवती बनाने के लिए किए गए हवन में भस्म कर दी।
पर उसी समय के सत्ता के लोभी नेताओं ने प्रधानमंत्री का पद पाने की लालसा में देश के टुकड़े कर दिए थे। और कुछ विक्षिप्त ज्ञान के मस्तिष्कों ने मजहब के नाम पर अलग देश की माँग की, क्योंकि यह देश उनका नहीं था।
माँ जैसे देश के टुकड़े हुए और वो घाव आजतक हमारा देश महसूस कर रहा है। भारत माता की जय का हर नारा उस घाव पर नमक छिड़क जाता है। वो घाव तो तभी भरेगा जब यह भारत अखंड होगा।
पाकिस्तान के वो स्थल जो भारतीय विरासत से जुड़े हैं
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लाहौर – मान्यता है कि यह नगर भगवान राम के पुत्र लव ने बसाया।
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कसूर – कहा जाता है कि इसे राम के पुत्र कुश ने बसाया।
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कटासराज मंदिर (Katas Raj, पंजाब) – यहाँ की झील भगवान शिव के आंसुओं से बनी मानी जाती है।
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हिंगलाज माता शक्तिपीठ (बलूचिस्तान) – शक्तिपीठों में से एक, यहाँ सती का ब्रह्मरंध्र (सिर) गिरा था।
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शारदा पीठ (पीओके, कश्मीर) – माँ सरस्वती का प्राचीन मंदिर और शिक्षा केंद्र।
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उच शरीफ और मुल्तान के सूर्य मंदिर – प्राचीन काल में सूर्योपासना का बड़ा केंद्र।
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ननकाना साहिब (पंजाब) – गुरु नानक देव जी का जन्मस्थान, सिख धर्म की आस्था का केंद्र।
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कलका देवी गुफा मंदिर (सिन्ध) – हिन्दू देवी का प्राचीन गुफा मंदिर, आज भी श्रद्धालु आते हैं।
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मनकपूर मंदिर (सिन्ध) – प्राचीन विष्णु और शिव मंदिरों के खंडहर यहाँ मिलते हैं।
🏰 ऐतिहासिक किले और गढ़
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डेरावर किला (भट्टी राजपूतों का, बहावलपुर)
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रानीकोट किला (सिन्ध) – The Great Wall of Sindh
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मुल्तान किला (सूर्य मंदिर से जुड़ा)
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रोहतास किला (राजपूती सैनिकों का योगदान, झेलम)
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बाल्टित किला (हुनजा, गिलगित–बल्तिस्तान)
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अल्तित किला (हुनजा)
📜 सभ्यता और शिक्षा के केंद्र
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तक्षशिला विश्वविद्यालय (Taxila, पंजाब) – प्राचीन विश्वविख्यात शिक्षा केंद्र।
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मोहनजोदड़ो (Sindh) – सिंधु घाटी सभ्यता का गौरव।
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हड़प्पा (पंजाब) – भारत की शहरी संस्कृति की जन्मस्थली।
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पेशावर (पुरुषपुर) – गांधार सभ्यता और बौद्ध धर्म का केंद्र, कुषाण सम्राट कनिष्क की राजधानी।
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शाह अल्लाह दत्ता गुफाएँ (इस्लामाबाद) – बौद्ध और बाद में हिंदू साधुओं का तपस्थल।
🇮🇳 स्वतंत्रता और आधुनिक भारत से जुड़े स्थल
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बंगा (फैसलाबाद, पंजाब) – शहीद-ए-आजम भगत सिंह का जन्मस्थान।
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लाहौर का नेशनल कॉलेज – जहाँ भगत सिंह और उनके साथियों ने क्रांतिकारी आंदोलन चलाया।
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लाहौर किला और लाहौर म्यूजियम – जहाँ भारतीय सभ्यता की कई धरोहरें रखी हैं।
बांग्लादेश के वो स्थल जो हिंदुत्व/भारतीय विरासत से जुड़े हैं
🕉 पौराणिक और धार्मिक स्थल
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कांतजी मंदिर (कांतनगर, दिनाजपुर)
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18वीं सदी का कृष्ण मंदिर, अत्यंत सुंदर टेराकोटा कला का नमूना।
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ढाकेश्वरी मंदिर (ढाका)
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ढाका शहर का नाम ही ढाकेश्वरी देवी से पड़ा।
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यह शक्तिपीठ मानी जाती है।
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कमलापुरी/कमलापुर शक्तिपीठ
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यहाँ सती का बायां पैर गिरा था।
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शक्तिपीठ के रूप में हिंदुओं की आस्था का केंद्र।
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चट्टगाँव का चंद्रनाथ मंदिर (Sitakunda, Chattogram)
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यहाँ सती का दाहिना हाथ गिरा था।
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एक बड़ा तीर्थ स्थल।
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जशोरेश्वरी काली मंदिर (जेशोर जिला)
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यह भी 51 शक्तिपीठों में से एक है।
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माना जाता है यहाँ सती का हस्तपद (हथेली/पैर का हिस्सा) गिरा था।
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🏰 ऐतिहासिक और स्थापत्य स्थल
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पुटिया मंदिर समूह (राजशाही)
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यहाँ सैकड़ों साल पुराने कृष्ण और शिव मंदिर हैं।
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टेराकोटा कला और बंगाली स्थापत्य का अद्भुत संगम।
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महास्थानगढ़ (Mahasthangarh, बोगरा)
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प्राचीन पुंड्रवर्धन नगरी के अवशेष।
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महाभारत काल में पांडवों और भगवान कृष्ण से जुड़ी कथाएँ यहाँ मिलती हैं।
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पहाड़पुर का सोमपुर महाविहार (Paharpur, Naogaon)
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प्राचीन बौद्ध विश्वविद्यालय, नालंदा और तक्षशिला जैसा।
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यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट।
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ढाका का लक्ष्मी नारायण मंदिर और पुराना काली मंदिर
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कई हिंदू वंशों द्वारा निर्मित मंदिर आज भी ढाका में खड़े हैं।
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📜 महाभारत और प्राचीन भारत से जुड़ाव
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पांडवगढ़ पहाड़ (Dinajpur)
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मान्यता है कि यहाँ पांडवों ने अज्ञातवास में समय बिताया था।
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कर्णसुबर्ण (बंगाल-बांग्लादेश सीमा के पास)
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महाभारत कालीन कर्ण की नगरी मानी जाती है।
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