क्यों इस्तीफा दिया उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ ने
समाचार -
जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई 2025 को भारत के उपराष्ट्रपति और राज्यसभा सभापति के पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने अपने इस्तीफे में स्वास्थ्य कारणों को मुख्य वजह बताया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को संबोधित पत्र में उन्होंने लिखा कि चिकित्सा सलाह का पालन करने और स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने के लिए वे संविधान के अनुच्छेद 67(क) के तहत तत्काल प्रभाव से पद छोड़ रहे हैं। इस साल मार्च में उनकी दिल्ली के एम्स में एंजियोप्लास्टी हुई थी, और वे हृदय संबंधी समस्याओं से जूझ रहे थे। कार्यकाल पूरा नहीं करने वाले सातवें उपराष्ट्रपति बनें जगदीप धनखड़!
चुनावी सम्मत के कारण उठते सवाल-
उपराष्ट्रपति उसी दिन संसद के मानसून सत्र में सक्रिय थे और कोई गंभीर स्वास्थ्य समस्या नहीं दिखाई दी थी। कुछ विपक्षी नेताओं, जैसे जयराम रमेश और कपिल सिब्बल, ने संदेह जताया कि स्वास्थ्य के अलावा अन्य कारण, जैसे राजनीतिक दबाव, भी इस्तीफे की वजह हो सकते हैं। कुछ एक्स पोस्ट्स में भी दावा किया गया कि सुप्रीम कोर्ट पर उनकी टिप्पणियों या विपक्ष के साथ टकराव के कारण दबाव हो सकता है, लेकिन ये दावे पुष्ट नहीं हैं।
सुप्रीम कोर्ट पर उनकी टिप्पणियां -
जगदीप धनखड़ ने अप्रैल 2025 में सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले की आलोचना की थी, जिसमें राष्ट्रपति और राज्यपालों को राज्य विधानसभाओं द्वारा पारित विधेयकों पर निर्णय लेने के लिए समयसीमा (तीन महीने) निर्धारित की गई थी। यह फैसला तमिलनाडु सरकार बनाम राज्यपाल मामले में 8 अप्रैल 2025 को आया था। धनखड़ ने इसे "न्यायिक अतिक्रमण" (judicial overreach) करार देते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट "सुपर संसद" की तरह व्यवहार कर रहा है और संविधान के अनुच्छेद 142 को "लोकतांत्रिक ताकतों के खिलाफ परमाणु मिसाइल" की तरह इस्तेमाल कर रहा है।
उन्होंने तर्क दिया कि संविधान में राष्ट्रपति को निर्देश देने की कोई व्यवस्था नहीं है, क्योंकि राष्ट्रपति संविधान को "संरक्षित, सुरक्षित और बचाव" करने की शपथ लेते हैं, जबकि अन्य, जिसमें जज भी शामिल हैं, केवल संविधान का पालन करने की शपथ लेते हैं।
उन्होंने 1975 की आपातकाल के दौरान सुप्रीम कोर्ट के फैसले को "न्यायिक इतिहास का सबसे काला दौर" बताया, जब कोर्ट ने मौलिक अधिकारों को निलंबित करने को वैध ठहराया था। इसके अलावा, उन्होंने 1973 के केशवानंद भारती मामले में दिए गए "बेसिक स्ट्रक्चर" सिद्धांत पर सवाल उठाए।
जगदीप धनखड़ का व्यक्तित्व -
उनकी छवि एक सख्त और निष्पक्ष प्रशासक की रही, हालांकि यह विवादों का कारण भी बनी। सदन में जब विवाद की स्थिति आती थी वो किसी पर भी बरस पड़ते थे, और अपने तर्क़ से उस विवाद में विजयी भी रहते थे।
जिनमें जया बच्चन, मल्लिकार्जुन खड़गे,
अपनी ही पार्टी के शिवराज सिंह चौहान - धनखड़ ने चौहान से पूछा, "कृषि मंत्री जी, क्या पूर्ववर्ती कृषि मंत्रियों ने किसानों से कोई लिखित वादा किया था? अगर वादा किया गया था, तो वह पूरा क्यों नहीं हुआ? हम उस वादे को पूरा करने के लिए क्या कर रहे हैं?"
यह निष्पक्षता सराहनीय रही।
पद छोड़ने का कारण - इसका वास्तविक कारण अभी तक जो धनखड़ ने बताया वो केवल स्वास्थ्य ही है इसके अलावा कुछ राजनीतिक और कूटनीतिक कारण भी बताए जा रहे हैं, जिसमें न्यूज और विपक्ष अपने अपने विचार रख रहे हैं।
अगले उपराष्ट्रपति कौन होंगे -
वर्तमान में राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह कार्यवाहक सभापति के रूप में राज्यसभा की कार्यवाही का संचालन कर रहे हैं।
संविधान के अनुसार 60 दिनों में उपराष्ट्रपति तय करना आवश्यक है पर अभी किसी नाम की अधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
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