जापान भारत से 1.6 करोड़ गुना तेज़ इंटरनेट: तकनीकी क्रांति में हम कहाँ खड़े हैं?

जापान ने इंटरनेट स्पीड का नया विश्व रिकॉर्ड कायम किया है, जो 1.02 पेटाबिट्स प्रति सेकंड (Pbps) यानी 10.20 लाख गीगाबिट्स प्रति सेकंड (Gbps) है। यह भारत की औसत इंटरनेट स्पीड (63.55 Mbps) से 1.6 करोड़ गुना तेज़ है। इस स्पीड से आप नेटफ्लिक्स की पूरी लाइब्रेरी या 10,000 4K मूवीज़ को एक सेकंड से भी कम समय में डाउनलोड कर सकते हैं। भारत में डिजिटल इंडिया और 5G की बातें तो हो रही हैं, लेकिन जापान की यह उपलब्धि हमें अपनी नीतियों और प्राथमिकताओं पर पुनर्विचार करने के लिए मजबूर करती है।
 
सरकार का तकनीकी सशक्तिकरण में क्या रोल होता है?
सरकार का तकनीकी सशक्तिकरण में मुख्य रोल नीति निर्माण, निवेश, और बुनियादी ढांचे के विकास में होता है। जापान में सरकार ने National Institute of Information and Communications Technology (NICT) को फंडिंग और रिसर्च के लिए समर्थन दिया, जिसके परिणामस्वरूप यह रिकॉर्ड बना। भारत में सरकार ने डिजिटल इंडिया, भारतनेट, और 5G रोलआउट जैसी योजनाएँ शुरू की हैं, लेकिन इनका कार्यान्वयन धीमा है। भ्रष्टाचार, नौकरशाही, और संसाधनों का गलत उपयोग इन योजनाओं की प्रगति में बाधा बनते हैं। सरकार को चाहिए कि वह: R&D में निवेश बढ़ाए: जापान की तरह GDP का बड़ा हिस्सा तकनीकी अनुसंधान पर खर्च करे।
निजी क्षेत्र के साथ सहयोग: स्टार्टअप्स और टेक कंपनियों को प्रोत्साहन दे।
शिक्षा में सुधार: तकनीकी कौशल को स्कूल और कॉलेज स्तर पर बढ़ावा दे।

भारत में अक्सर योजनाएँ कागज़ों तक सीमित रह जाती हैं, और वोट बैंक की राजनीति के चलते दीर्घकालिक विकास पर ध्यान कम दिया जाता है।

जापान का नेटवर्क इतना तेज़ कैसे हुआ?

जापान ने ऑप्टिकल फाइबर और कोर इंटरनेट इंफ्रास्ट्रक्चर में भारी निवेश किया।
वहां की यूनिवर्सिटी और निजी कंपनियां मिलकर नई तकनीकें खोजती हैं।
सरकार ने सालों पहले ही 6G और क्वांटम नेटवर्किंग पर रिसर्च शुरू कर दी थी।
> यही कारण है कि आज जापान 330 Tbps (टेरेबिट प्रति सेकंड) की इंटरनेट स्पीड तक पहुंच गया है, जबकि भारत में गाँवों में 5 Mbps भी सपना है।

भारत और जापान की इंटरनेट व टेक्नोलॉजी तुलनाः

पॉइंट्स जापान भारत

इंटरनेट स्पीड दुनिया की सबसे तेज़ औसत दर्जे की, ग्रामीण क्षेत्रों में बहुत कम
टेक कंपनियां Sony, Toshiba, Panasonic, Fujitsu, SoftBank TCS, Infosys, Wipro, Reliance Jio, Paytm
रिसर्च फंडिंग भारी सरकारी निवेश दिखावे की घोषणाएं, कम अमल
तकनीकी आत्मनिर्भरता हाई-एंड प्रोडक्ट्स एक्सपोर्ट करता है चीन पर भारी निर्भरता

✍️ निष्कर्ष:
जब तक भारत की राजनीति वोट के लिए योजनाएं और युवा नाम के लिए आंदोलन करेंगे, तब तक विकास सिर्फ दूसरों का सपना रहेगा।
हमें जापान की तरह तेज़ नहीं, समझदार बनना होगा।
फ्री की राजनीति से बाहर निकलकर स्किल और रिसर्च को बढ़ावा देना होगा।
2. टेक्नोलॉजी सेक्टर में निवेश बढ़ाना होगा – कॉलेज, स्टार्टअप, लैब्स को सशक्त बनाना होगा।
3. युवाओं को “सोशल मीडिया हीरो” नहीं, “टेक लीडर” बनना होगा।
4. सरकार को हर राज्य में डिजिटल विकास पर फोकस करना होगा – वोट के लालच से नहीं।



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